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Wednesday, 12 July 2017

NEW PRACTICE MATTER FOR ITBP TYPING

उत्‍तर प्रदेश की मुख्‍यमंत्री मायावती ने दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय के पास आज हुये विस्‍फोट को कायराना हरकत बताते हुये इसकी निंदा की है। सुश्री मायावती ने यहां जारी बयान में केन्‍द्र सरकार से मृतकों और घायलों के परिजनों को उचित आर्थिक मदद देने का आग्रह किया और कहा कि घायलों के इलाज की सही व्‍यवस्‍था की जानी चाहिये। इस घटना के विरोध में कड़े कदम उठाये जाने चाहिये ताकि इसकी पुनरवृत्ति नहीं हो। इस बीच, पूरे उत्‍तर प्रदेश में हाई अलर्ट कर दिया गया है। राज्‍य के विशेष पुलिस महानिदेशक कानून व्‍यवस्‍था बृजलाल ने यहां कहा कि उच्‍च न्‍यायलय परिसर और उसके आसपास सुरक्षा बलों की संख्‍या बढ़ा दी गयी है। सुरक्षाकर्मियों को खासकर किसी भी न्‍यायालय परिसर पर कड़ी नजर रखने को कहा गया है। सुरक्षा को लेकर सभी जिलों में आवश्‍यक निर्देश भेज दिये गये हैं। खासकर इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय और उच्‍च न्‍यायालय की लखनउ पीठ के आस पास सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। दिल्‍ली में हुये विस्‍फोट के विरोध में इलाहाबाद उच्‍च न्‍यायालय में आज वकीलों ने काम बंद कर दिया। लखीमपुर खीरी में पिछले शनिवार को दो बकीलों की गोली मार कर की गयी हत्‍या के विरोध में राज्‍य के सभी निचली अदालतों के वकील काम का बहिष्‍कार कर रहेहैं। इसलिये निचली अदालतों में उपस्थिति काफी कम है। उल्‍लेखनीय है कि राज्‍य में 23 नवम्‍बर 2007 को लखनउ, वाराणसी और फैजाबाद अदालत में हुये श्रंखलाबद्ध विस्‍फोट में 11 लोगों की मौत हुई थी तथा 61 लोग घायल हुये थे। जमशेदपुर 7 सितंबर झारखंड के मुख्‍यमंत्री अर्जुन मुंडा ने भ्रष्‍टाचार को राज्‍य के लिए एक बड़ी चुनौती करार देते हुए आज कहा कि उनकी सरकार विधानसभा के अगले सत्र में एक ऐसे सख्‍त भ्रष्‍टाचार निरोधक कानून से संबंधित विधेयक एंटी करप्‍शन बिल पेश करेगी जिसके तहत मुख्‍यमंत्री से लेकर छोटे सरकारी कर्मियों तक सभी के खिलाफ मामला चलाया जा सके। श्री मुंडा ने यहां पत्रकारों से कहा कि इस कानून में अवैध रूप से अर्जित संपत्ति को जब्‍त करने तथा मामलों की त्‍वरित फास्‍ट ट्रैक सुनवाई का भी प्रावधान होगा। मौजूदा कानूनों और नियमों के अलावा झारखंड में इस समस्‍या से निपटने के लिए ऐसा सख्‍त कानून अनिवार्य है। इसे तैयार करने के लिए विधि विभाग और संबंधित अधिकारी काम कर रहें है और अन्‍य राज्‍यों में मौजूद इस तरह के कानूनों का अध्‍ययन भी किया जा रहा है। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि उनकी पूरी कोशिश होगी कि आगामी शीतकालीन सत्र में यह विधेयक की सत्र में सदन में पेश हो जाए। इसके तहत मुख्‍यमंत्री से लेकर छोटे सरकारी कर्मी सभी आयेंगे। अधिकतम सजा के बिंदु पर भी विचार किया जा रहा है। उन्‍होने कहा कि भ्रष्‍टाचार से निपटने के लिए उन्‍होंने मुख्‍य सचिव से एक ऐसी टीम गठित करने को भी कहा है जो ऐसे अधिकारियों की पहचान करे जो भ्रष्‍टाचार के मामलों की जानबूझ कर लटका रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि हाल के दिनों में केन्‍द्रीय जांच ब्‍यूरो सीबीआई और निगरानी विभाग के सामने लंबित ऐसे मामलों को तेजी से निपटाया जा रहा है। मुख्‍यमंत्री ने कहा है कि आदिवासी भूमि संरक्षण के लिए राज्‍य में बने ब्रिटीशकालीन कानूनों संथाल परगना और छोटा नागपुर काश्‍तकारी अधिनियम एसपीटी-सीएनटी कानून में बदलाव करना व्‍यवहारिक रूप से आसान नहीं है। श्री मुंडा ने कहा कि इन कानूनों में बदलाव की बात कहना तो सरल है पर वास्‍तव में यह आसान नहीं है। उसमें बदलाव की बात करने से पहले इसके अनुकूल और प्रतिकूल बातों पर गौर करना चाहिए। इसमें पीछे की जो चीजें है उन्‍हें भी ध्‍यान में रखना चाहिए। यह भी देखा जाना चाहिए कि आप जिनके लिए बदलाव की बात कर रहे हैं वे इसे ग्रहण करने के लिए तैयार है या नहीं। उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार बनाये जा रहे भूमि अधिग्रहण कानून में भी राज्‍यों को कई तरह की स्‍वतंत्रता है। झारखंड में मौजूदा काश्‍तकारी कानूनों के आधार पर ही भूमि अधिग्रहण का काम होगा। जांच-पड़तालें तो पहले भी होती रही हैं, आगे भी होती रहेंगी, लेकिन यदि सरकार आतंकवादी हमले रोकने के लिए गंभीर है,तो उसे इस समस्‍या की जड़ का इलाज करना होगा। यह समस्‍या केवल कानून व्‍यवस्‍था की ही नहीं है। उसके पीछे राजनीतिक और सामाजिक कारण भी हैं। इसलिए सरकार को वहां समस्‍या की खोज करनी होगी और उसके निराकरण का उपाय ढूंढना होगा। यह सभी जानते हैं कि अफगानिस्‍तान से सोवियत संघ की सेनाओं के जाने के बाद से हूजी का मुख्‍य निशाना भारत है। उसके अलकायदा, तालिबान तथा अन्‍य बड़े जिहादी संगठनों के साथ गहरे संबंध हैं। इंडि़यन मजाहिदीन तो एक तरह से उसकी शाखा ही है।

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